PM विश्वकर्मा योजना एक बार फिर साबित कर रही है कि गरीब वर्ग के कल्याण में सरकार का विश्वास अटूट है। यह योजना कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक मदद प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाने का मकसद रखती है।
योजना का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य है कारीगरों और शिल्पकारों को उनके हाथों और उपकरणों के साथ सहायता प्रदान करना।
व्यवसायिक विकास के लिए संबंधित क्षेत्र
इस योजना में 18 व्यवसायों को सम्मिलित किया गया है, जिसमें शामिल हैं बढ़ई, नाव निर्माता, हथियार निर्माता, लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाला, सोनार, कुम्हार, और अन्य।
योजना के लाभ
- पहचान: कारीगरों और शिल्पकारों की पहचान PM विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से होगी।
- स्किल अपग्रेडेशन: 5-7 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण और 15 दिनों या उससे अधिक का उन्नत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
- टूलकिट प्रोत्साहन: शुरुआती कौशल प्रशिक्षण में ई-वाउचर के रूप में 15,000 रुपये तक का टूलकिट प्रदान किया जाएगा।
- कर्ज सहायता: ‘उद्यम विकास ऋण’ के रूप में 3 लाख रुपए तक का लोन बिना किसी गिरवी के उपलब्ध होगा, जिसकी वापसी 18 महीने और 30 महीने की अवधि में 5% ब्याज दर पर होगी।
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लाभ कैसे मिलेगा
जिन लाभार्थियों ने बुनियादी प्रशिक्षण पूरा किया है, वे 1 लाख रुपये तक की ऋण सहायता की पहली किश्त का लाभ उठा सकते हैं। दूसरी किश्त उन्हें मिलेगी, जो व्यवसाय में डिजिटल लेनदेन या अपग्रेडेड ट्रेनिंग को अपनाने वालों को समर्पित है।
PM विश्वकर्मा योजना ने न केवल कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान की है, बल्कि उन्हें अपने क्षमताओं का पूरा लाभ उठाने का भी मौका दिया है। यह एक प्रेरणादायक कदम है जो गरीब वर्ग के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।