दिल्ली और हरियाणा के बीच क्या है यमुना जल विवाद, जानें पूरा मामला

दिल्ली में भीषण गर्मी के चलते जल संकट गंभीर होता जा रहा है। इसे देखते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने पानी की बर्बादी पर जुर्माना लगाने का ऐलान किया है। साथ ही, इस जल संकट के लिए हरियाणा को भी जिम्मेदार ठहराया है।

भीषण गर्मी और पानी की कमी
दिल्ली में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच चुका है, जिससे जल संकट बढ़ गया है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने आरोप लगाया है कि हरियाणा सरकार ने यमुना के पानी को रोक दिया है, जो दिल्ली का हिस्सा था। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा ने एक मई से दिल्ली को उसका पानी नहीं दिया है, जिसके चलते अरविंद केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है।

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केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग
दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने वजीराबाद यमुना जलाशय का निरीक्षण करने के बाद कहा कि वह केंद्र सरकार से हरियाणा की शिकायत करेंगी। उन्होंने कहा कि केंद्र की भी जिम्मेदारी है कि दिल्ली को उसका हिस्सा का पानी मिले। हरियाणा का पानी रोकने का कोई अधिकार नहीं है।

यमुना जल पर दिल्ली-हरियाणा की जंग
यमुना जल विवाद कोई नया नहीं है। गर्मी के मौसम में दिल्ली को जल संकट का सामना करना पड़ता है, जबकि बरसात में यमुना का जल बाढ़ का खतरा पैदा करता है। इस मुद्दे पर दोनों राज्य कई बार सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच चुके हैं।

दिल्ली-हरियाणा के बीच यमुना जल विवाद का इतिहास
यह विवाद सदियों पुराना है और सिर्फ दिल्ली-हरियाणा तक सीमित नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश भी इससे जुड़े हैं। 1954 में यमुना जल समझौता हुआ था, जिसमें हरियाणा को यमुना के जल का 77 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश को 23 प्रतिशत हिस्सा मिला था। बाद में दिल्ली, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश ने भी अपने हिस्से का दावा किया।

1993 का जल समझौता
1993 में दिल्ली और हरियाणा के बीच जल समझौता हुआ, जिसमें मुनक नगर के जरिए दिल्ली को पानी देने पर सहमति बनी। 1994 में पाँच राज्यों के बीच यमुना जल समझौता हुआ, जिसमें दिल्ली को जब भी पानी की जरूरत होगी, उसे पूरा किया जाएगा।

दिल्ली की पानी पर निर्भरता
दिल्ली का खुद का कोई ठोस जल स्त्रोत नहीं है और वह हमेशा से दूसरे राज्यों पर निर्भर रहा है। गर्मी के मौसम में दिल्ली का आरोप रहता है कि हरियाणा कम पानी छोड़ रहा है, जबकि हरियाणा का कहना है कि उसने पर्याप्त पानी छोड़ा है, लेकिन दिल्ली में पानी की बर्बादी जल संकट के लिए जिम्मेदार है।