उत्तर प्रदेश में रोड कनेक्टिविटी को सुदृढ़ बनाने के लिए योगी सरकार इस महीने के अंत तक गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने जा रही है। जून के पहले सप्ताह तक इस एक्सप्रेसवे का 97 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इसके चालू होते ही गोरखपुर क्षेत्र पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के माध्यम से लखनऊ, आगरा, और दिल्ली से जुड़ जाएगा, जिससे यातायात और सुगम हो जाएगा।
एक्सप्रेसवे की खासियत
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे गोरखपुर बाईपास एनएच-27 के ग्राम जैतपुर से शुरू होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर आजमगढ़ के सालारपुर में समाप्त होगा। 91.352 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे की कुल लागत 5876.67 करोड़ रुपये (भूमि अधिग्रहण पर व्यय समेत) है। यह गोरखपुर, अम्बेडकरनगर, संतकबीरनगर और आजमगढ़ जिलों को सीधे लाभान्वित करेगा।

उन्नत निर्माण कार्य
यूपी एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी की वेबसाइट पर 10 जून तक की अद्यतन जानकारी के अनुसार, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का 97 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। मुख्य कैरिजवे का काम 100 प्रतिशत पूरा हो गया है और 341 प्रस्तावित संरचनाओं में से 337 बन चुकी हैं। बाकी का कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है।
तेज समीक्षा और निर्देश
दो दिन पहले गोरखपुर के कमिश्नर अनिल ढींगरा ने बड़ी परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के चालू होने से पूर्वांचल के एक बड़े क्षेत्र के लोगों को लखनऊ पहुंचने में केवल साढ़े तीन घंटे का समय लगेगा।
दिल्ली-आगरा सफर होगा सुगम
इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से दिल्ली से आगरा तक का सफर और भी आसान और आरामदायक हो जाएगा। यह परियोजना गोरखपुर क्षेत्र के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी। प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेसवे से वाहनों की ईंधन खपत में बचत, समय की बचत और पर्यावरणीय प्रदूषण पर नियंत्रण भी संभव हो सकेगा।
आर्थिक और सामाजिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से संबंधित क्षेत्रों में कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। यह विभिन्न उत्पादन इकाइयों, विकास केंद्रों और कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने हेतु एक इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा। योगी सरकार एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी बना रही है, जो क्षेत्रीय विकास को और बढ़ावा देगा।