पश्चिम रेलवे ने पिछले रविवार बोइसर के पास पावर ब्लॉक लिया जिसमें मिशन रफ्तार के लिए अंतिम चरण का काम पूरा हुआ है। पांच साल पहले मुंबई से दिल्ली के बीच 160 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए ‘मिशन रफ्तार’ परियोजना की शुरुआत हुई थी।
सुरक्षित और तेज यात्रा के लिए बढ़ी तैयारियाँ
ट्रेनों की स्पीड को बढ़ाने के लिए पूरे रूट पर पटरियों के दोनों छोर पर फेंसिंग की गई है। भारतीय रेलवे की ‘कवच’ तकनीक से ट्रेनों की सुरक्षा भी बढ़ाई जा रही है। इसके साथ ही, ट्रेनों की स्पीड को बढ़ाने के लिए पटरियों के नीचे वाले बेस को चौड़ा किया गया है।
नई दिशा: 160kmph की स्पीड का लक्ष्य
भारतीय रेलवे का मिशन है कि ट्रेनों की औसत गति को 70 से 80 किमी प्रतिघंटा से 160 किमी प्रतिघंटा तक बढ़ाया जाए। इसके लिए पटरियों को बदलने का काम तेजी से प्रगति कर रहा है।
प्रॉजेक्ट की महत्वपूर्ण जानकारी
कॉरिडोर: मुंबई से दिल्ली
मंजूरी: 2017-18
कुल लंबाई: 1,478 किमी
लागत: ₹8 हजार करोड़