दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर बनने जा रहा है ऐलिवेटेड रोड, अवरोध बना 20 हेक्टेयर जमीन का टुकडा़

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के अंतर्गत एलिवेटेड रोड का निर्माण जल्द ही पूरा हो जाएगा, लेकिन देहरादून में प्रवेश करने वाले वाहनों के लिए प्रस्तावित बाईपास का काम अटका हुआ है। इस 12 किमी लंबा बाईपास के लिए आवश्यक 20 हेक्टेयर जमीन की कमी आड़े आ रही है।

वन विभाग से जमीन की आवश्यकता

प्रस्तावित बाईपास आशारोड़ी से शुरू होकर बड़ोवाला होते हुए झाझरा तक जाएगा। इसका निर्माण वन विभाग की ग्रीन लैंड से होकर करना है, जिसके लिए एनएचएआई को 20 हेक्टेयर जमीन वन विभाग को देनी होगी। बदले में, एनएचएआई उस जमीन पर पौधारोपण कर वन क्षेत्र तैयार करेगा।

परियोजना पर प्रभाव

बाईपास की जमीन के अभाव में निर्माण कार्य नहीं शुरू हो पा रहा है। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के चालू होने से दून में वाहन आवागमन बढ़ेगा, जिससे यातायात की समस्या बढ़ सकती है। बाईपास के बिना पूरा यातायात शहर के अंदर से गुजरेगा, जिससे शहर में जाम की स्थिति और बढ़ सकती है।

अधिग्रहण और भूमि की खोज

एनएचएआई 715.97 करोड़ रुपये की लागत से आशारोड़ी-झाझरा फोरलेन बाईपास बनाने की योजना बना रहा है, जिसमें छह गांवों की 44.76 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जानी है। किसानों की भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है, लेकिन वन विभाग से क्लीयरेंस नहीं मिल पाने के कारण परियोजना में देरी हो रही है।

बाईपास से लाभ

बाईपास का 50% हिस्सा जंगल से होकर गुजरेगा। परियोजना के निर्माण से झाझरा, शिमला बाईपास रोड और प्रेमनगर क्षेत्र को लाभ होगा। उपयुक्त जमीन की खोज जारी है, और जमीन मिलते ही पौधारोपण कर वन विभाग को सौंपा जाएगा।