दिल्ली ट्रैफिक पुलिस यातायात नियमों के पालन में हमेशा सक्रिय रहती है और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करती है। इन दिनों दिल्ली में पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट की व्यापक चेकिंग चल रही है। पिछले चार महीनों में पुलिस ने 1 लाख से अधिक चालान काटे हैं। जिनके पास PUC सर्टिफिकेट नहीं होता, उन्हें 10,000 रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।

PUC सर्टिफिकेट की अहमियत
PUC सर्टिफिकेट से यह पता चलता है कि आपकी गाड़ी कितना प्रदूषण कर रही है। दिल्ली-NCR में यह सर्टिफिकेट रखना अनिवार्य है, क्योंकि ट्रैफिक पुलिस प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कड़ी नजर रखती है। यह सर्टिफिकेट तभी जारी होता है जब PUC सेंटर पर चेकिंग के दौरान गाड़ी निर्धारित सीमा के भीतर प्रदूषण करती हो। यदि आपकी गाड़ी ज्यादा प्रदूषण कर रही है, तो उसकी रिपेयरिंग या ट्यूनिंग करानी होती है। ट्रांसपोर्ट विभाग ने दिल्ली के कई पेट्रोल पंप और वर्कशॉप पर पॉल्यूशन चेकिंग सेंटर की सूची जारी की है।

PUC सर्टिफिकेट बनवाने की प्रक्रिया
PUC सर्टिफिकेट बनवाने का खर्च महज 100 रुपये होता है। इस सर्टिफिकेट को बनवाने के लिए आप ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा अधिकृत किसी भी पॉल्यूशन चेकिंग सेंटर पर जा सकते हैं। वहां आपकी गाड़ी की चेकिंग की जाएगी और यदि गाड़ी निर्धारित मानकों के भीतर पाई जाती है, तो आपको सर्टिफिकेट मिल जाएगा।
कानून और जुर्माना
मोटर वीइकल्स एक्ट, 1988 की धारा 190(2) के तहत PUC सर्टिफिकेट नहीं होने पर 10,000 रुपये का जुर्माना या 6 महीने की जेल या दोनों हो सकते हैं। इसके अलावा, ट्रांसपोर्ट विभाग PUC सर्टिफिकेट ना होने पर गाड़ी के मालिक का लाइसेंस 3 महीने के लिए सस्पेंड भी कर सकता है। यदि PUC सर्टिफिकेट होने के बावजूद गाड़ी ज्यादा प्रदूषण कर रही है, तो आपको 7 दिन के भीतर नया PUC सर्टिफिकेट लेना होगा।

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए PUC सर्टिफिकेट की सख्त आवश्यकता है। ट्रैफिक पुलिस द्वारा की जा रही सख्ती से यह स्पष्ट है कि नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना और कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए समय पर PUC सर्टिफिकेट बनवाएं और अपने शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने में सहयोग करें।