राजधानी दिल्ली में तापमान 44-45 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया जा रहा है, जिसके चलते बिजली की मांग में भारी इजाफा देखा गया है। 22 मई को दोपहर 3:42 बजे बिजली की मांग ने अपने अब तक के उच्चतम स्तर को छूते हुए 8000 मेगावाट का आंकड़ा पार कर लिया। यह पहली बार है जब दिल्ली की बिजली की खपत इतनी ऊंचाई पर पहुंची है।
बिजली कटौती की अफवाहें गलत साबित
बिजली की बढ़ती मांग के बावजूद, दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राजधानी में कहीं भी बिजली की कटौती नहीं की गई है और हर जगह निर्बाध बिजली सप्लाई की जा रही है। एक दिन पहले, 21 मई को भी बिजली की मांग ने 7717 मेगावाट का रिकॉर्ड तोड़ दिया था।

पूर्वानुमान हुए सही साबित
बिजली वितरण कंपनियों ने पहले ही अनुमान लगाया था कि इस गर्मी में बिजली की मांग 8000 मेगावाट का आंकड़ा पार कर जाएगी। यह अनुमान 22 मई को सही साबित हुआ, जब दोपहर में यह रिकॉर्ड दर्ज किया गया। 2022 में भी जून महीने में पीक डिमांड 7695 मेगावाट तक पहुंच गई थी।
गर्मी के कहर से बढ़ी बिजली की मांग
मौसम विभाग ने हीटवेव की स्थिति को देखते हुए दिल्ली में रेड अलर्ट जारी किया है। 22 मई को कई स्थानों पर तापमान 47 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया था। आने वाले दिनों में भीषण गर्मी और हीटवेव जारी रहने की संभावना है, जिससे बिजली की मांग और बढ़ने की उम्मीद है।
आने वाले दिनों में तापमान का अनुमान
मौसम विभाग के मुताबिक, 22 मई को अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस, 23 मई को 44 डिग्री सेल्सियस और 24 मई को 45 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। इसके बाद, 25 से 28 मई तक तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। न्यूनतम तापमान भी 30 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है।
दिल्ली में इस भीषण गर्मी और बढ़ते तापमान को देखते हुए नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि सभी लोग सुरक्षित रहें और इस गर्मी से बचने के उपाय करें।