क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ने ‘बेस्ट स्टूडेंट सिटी रैंकिंग 2025’ जारी की, जिसमें दिल्ली को दुनिया का दूसरा सबसे किफायती शहर घोषित किया गया है। इस रैंकिंग में भारत के चार शहरों – दिल्ली, बंगलूरू, मुंबई और चेन्नई को शामिल किया गया है।
दिल्ली की किफायती रैंकिंग में उछाल
दिल्ली ने किफायती शहरों की रैंकिंग में 23 स्थानों की छलांग लगाते हुए दुनिया में दूसरा स्थान हासिल किया है। वहीं, बंगलूरू सातवें, मुंबई 20वें और चेन्नई 29वें स्थान पर रहे। यह सुधार किफायती और रोजगार के बेहतर अवसरों के कारण हुआ है।
समग्र रैंकिंग में सुधार
समग्र रैंकिंग में भी भारतीय शहरों ने प्रगति की है। दिल्ली 21 स्थानों की छलांग लगाकर 111वें स्थान पर पहुंच गई है, जबकि मुंबई 118वें से 113वें स्थान पर, बंगलूरू 147वें से 130वें स्थान पर और चेन्नई 160वें से 140वें स्थान पर आ गया है।
चार मुख्य मानक
शहरों की रैंकिंग चार मुख्य मानकों पर आधारित है: किफायती शहर, रोजगार देने वाले शहर, रहने की इच्छा वाले शहर और मिश्रित विद्यार्थियों वाले शहर। इन मानकों के आधार पर भारतीय शहरों का प्रदर्शन संतोषजनक रहा है।
रोजगार और रहने की इच्छा
रोजगार देने वाले शहरों की सूची में दिल्ली 57वें, मुंबई 58वें, चेन्नई 96वें और बंगलूरू 100वें स्थान पर हैं। रहने की इच्छा वाले शहरों में मुंबई 123वें, चेन्नई 127वें, दिल्ली 129वें और बंगलूरू 135वें स्थान पर हैं।
अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की पसंद
भारतीय संस्थानों में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की संख्या 46 हजार के करीब है, जिसमें नेपाली छात्रों की संख्या सबसे अधिक है। भारत में लगभग 170 देशों के छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए आते हैं।
शीर्ष 10 श्रेष्ठ शहरों में भारत का कोई शहर नहीं
हालांकि, छात्रों के लिए समग्र रूप से श्रेष्ठ शहरों की सूची में भारत का कोई भी शहर शामिल नहीं है। शीर्ष 10 शहरों में लंदन (ब्रिटेन), टोक्यो (जापान), सिओल (द. कोरिया), म्यूनिख (जर्मनी), मेलबर्न, सिडनी (ऑस्ट्रेलिया), पेरिस (फ्रांस), ज्यूरिख (स्विट्जरलैंड), बर्लिन (जर्मनी) और मॉन्ट्रियल (कनाडा) शामिल हैं।
इस रैंकिंग से साफ है कि भारत के शहर किफायती और रोजगार के अवसरों में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे वे छात्रों के लिए आकर्षक विकल्प बनते जा रहे हैं।