नोएडा में बन रहे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, जिसे जेवर एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है, का निर्माण कार्य 2024 के आखिर तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद यहां से फ्लाइट्स की आवाजाही शुरू हो जाएगी। यह एयरपोर्ट भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनेगा, जिसमें 6 रनवे होंगे।
एयरपोर्ट से रेलवे कनेक्टिविटी
एयरपोर्ट के बनने से नोएडा वासियों को बड़ी सहूलियत मिलेगी। अब इसे रेलवे स्टेशन से जोड़ने की भी योजना बनाई जा रही है, जिसके लिए नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण होगा।

देश का पहला अंडरग्राउंड रेलवे स्टेशन
जेवर एयरपोर्ट के पास बनने वाला रेलवे स्टेशन देश का पहला अंडरग्राउंड रेलवे स्टेशन होगा। यह स्टेशन एयरपोर्ट के पैसेंजर टर्मिनल के नीचे बनाया जाएगा, जैसा कि दुनिया के कुछ प्रमुख हवाई अड्डों जैसे टोक्यो, बर्लिन, न्यूयॉर्क और पेरिस में है।
इस रेलवे स्टेशन और पैसेंजर टर्मिनल के बीच यात्रियों के आवागमन के लिए एलिवेटर, लिफ्ट और सीढ़ियों जैसी उच्च तकनीकी सुविधाएं होंगी। यह कॉम्प्लेक्स एयर कंडीशंड होगा और एयरपोर्ट के करीब से गुजरने वाली 16 किलोमीटर की रेलवे लाइन भी अंडरग्राउंड होगी।
61 किलोमीटर में बनेंगे 7 रेलवे स्टेशन
यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के अधिकारियों के अनुसार, नई रेलवे लाइन की कुल लंबाई 61 किलोमीटर होगी, जिसमें सात रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा।
रूंधी: हरियाणा के पलवल स्टेशन से आगे रूंधी गांव के पास।
चांदहट: दूसरा स्टेशन चांदहट में।
जेवर खादर: हरियाणा पार कर उत्तर प्रदेश के जेवर खादर में।
जेवर एयरपोर्ट: पलवल से 33 किलोमीटर दूर।
जहांगीरपुर: अगले स्टेशन।
बीघेपुर: इसके बाद बीघेपुर।
चोला: आखिरी स्टेशन चोला में।
यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड की आपत्ति
यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा प्रस्तावित अंडरग्राउंड रेलवे स्टेशन और रेल लाइन को लेकर एयरपोर्ट का निर्माण कर रही कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएपीएल) ने आपत्ति जताई है। कंपनी ने इस प्रोजेक्ट के लिए अतिरिक्त जमीन की मांग की है।
इस प्रकार, नोएडा के जेवर एयरपोर्ट से जुड़ी इस रेलवे लाइन और स्टेशनों की योजना यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाने के साथ-साथ क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को भी मजबूती प्रदान करेगी।