वंदे भारत एक्सप्रेस की सफलता के बाद, अब भारत में एयर टैक्सी सेवा शुरू होने वाली है। 2026 तक दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और बेंगलुरु में यह सेवा चालू हो जाएगी, इसके बाद चेन्नई और हैदराबाद में भी इसे लागू किया जाएगा। इस परियोजना के तहत, उड्डयन मंत्रालय ने अर्बन एयर मोबिलिटी प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है।
एयर टैक्सी की योजना
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, DGCA ने एयर टैक्सी उड़ानों के लिए रोडमैप तैयार करने हेतु कई तकनीकी समितियों का गठन किया है। ये समितियां eVTOL (ई-वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग) से जुड़े नियम तैयार करेंगी। IndiGo की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब इन्फ्रास्ट्रक्चर (IGE) अमेरिकी एयर टैक्सी कंपनी आर्चर एविएशन के साथ मिलकर इस परियोजना पर काम करेगी।

DGCA की तैयारी
मामले के जानकार बताते हैं कि DGCA ने एयर टैक्सी से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जानकारी जुटाने के लिए कई पैनल बनाए हैं। इनमें एयर नेविगेशन, रूट्स, सुरक्षा और वर्टिपोर्ट्स से जुड़े स्टैंडर्ड्स शामिल हैं। उम्मीद है कि भारत में एयर टैक्सी से जुड़ा सारा काम 2026 तक पूरा हो जाएगा।
रूट और किराया
एयर टैक्सी की शुरुआती सेवा दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और बेंगलुरु में होगी, और इसके बाद चेन्नई और हैदराबाद में भी शुरू की जाएगी। आर्चर्स के सीसीओ निखिल गोयल के अनुसार, एयर टैक्सी का किराया उबर से थोड़ा अधिक होगा। उदाहरण के लिए, दिल्ली से गुड़गांव का उबर किराया 1500 से 2000 रुपये के बीच होता है, जबकि एयर टैक्सी का किराया 2000 से 3000 रुपये तक हो सकता है।
7 मिनट में दिल्ली से गुड़गांव
एयर टैक्सी के जरिए यात्री दिल्ली से गुड़गांव की दूरी केवल 7 मिनट में तय कर सकेंगे। इसी तरह, मुंबई में बांद्रा से कोलाबा तक का एक रूट भी संभावित है।
एयर टैक्सी सेवा से यात्रियों का समय और सुविधा दोनों में सुधार होगा, और यह भारत की परिवहन व्यवस्था में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। 2026 तक इस सेवा का शुभारंभ होने की संभावना है, जिससे देश के प्रमुख शहरों के बीच यात्रा करना बेहद आसान और तेज़ हो जाएगा।