देश में होने जा रही है नई पहल, अब धरती पर नहीं बल्कि हवा में बनेगी इतनी लंबी सड़क, लोगों को जाम से मिलेगा छुटकारा

भारत सरकार ने एक महत्वाकांक्षी परियोजना का शुभारंभ किया है, जिसका उद्देश्य देश के शहरों में ट्रैफिक की समस्या को कम करना है। इस प्रोजेक्ट के तहत, 200 शहरों में हवाई ‘सड़कें’ बनाई जाएंगी, जिससे लोग सड़क की जगह हवाई सफर कर सकेंगे। इस पर 1.25 लाख करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है और इसे अगले पांच सालों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

क्यों शुरू हुआ यह प्रोजेक्ट?
बढ़ते वाहनों की संख्या और यातायात जाम की समस्याओं से निपटने के लिए मोदी सरकार ने यह अनूठी योजना बनाई है। इस परियोजना के तहत, शहरों के ऊपर ‘रोपवे’ (केबल कार) का निर्माण किया जाएगा, जिससे लोग बिना जाम के सफर कर सकेंगे।

कितने शहरों में होगा काम?
लगभग 200 शहरों में यह परियोजना लागू की जाएगी, जिनमें से 30 प्रोजेक्ट पर काम पहले ही शुरू हो चुका है। कुल मिलाकर 1200 किलोमीटर लंबी रोपवे प्रणाली बनाई जाएगी। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि इस परियोजना के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी, जिसमें से 60% केंद्र सरकार द्वारा और शेष प्राइवेट सेक्टर से निवेश जुटाया जाएगा।

प्रमुख प्रोजेक्ट्स
वाराणसी अर्बन रोपवे प्रोजेक्ट: यह देश का पहला अर्बन रोपवे प्रोजेक्ट है, जो वाराणसी में गोड़ौलिया चौक से काशी विश्वनाथ मंदिर तक बनाया जा रहा है। इस 4 किलोमीटर लंबे रोपवे से 1 घंटे की दूरी सिर्फ 15 मिनट में तय की जा सकेगी। यह प्रोजेक्ट मार्च 2025 तक पूरा होगा।

महेंद्रगढ़ रोपवे प्रोजेक्ट: हरियाणा के कुलताजपुर गांव से दोषी हिलटॉप तक बनने वाला यह 900 मीटर लंबा रोपवे दिसंबर 2025 तक पूरा होगा, जिससे 1 घंटे की दूरी सिर्फ 3 मिनट में पूरी हो सकेगी।

प्रयागराज रोपवे: संगम किनारे बनने वाला 2 किलोमीटर लंबा यह रोपवे जनवरी 2026 तक तैयार होगा, जिससे 30 मिनट की दूरी सिर्फ 7 मिनट में तय की जा सकेगी।

अन्य महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स
गौरीकुंड-केदारनाथ रोपवे: 10 किलोमीटर लंबा यह रोपवे 8 घंटे की दूरी को महज 30 मिनट में पूरा करेगा। यह 2029 तक बनकर तैयार होगा और इसकी क्षमता रोजाना 36 हजार यात्रियों को ले जाने की होगी।

हेमकुंड साहिब रोपवे: गोविंद घाट से हेमकुंड तक बनने वाला 12 किलोमीटर लंबा यह रोपवे 3 दिन की दूरी को सिर्फ 3 घंटे में पूरी करेगा। इसकी क्षमता रोजाना 22 हजार यात्रियों की होगी।


यह परियोजना न केवल ट्रैफिक की समस्या को कम करेगी बल्कि लोगों को हवाई यात्रा का अनुभव भी देगी। भारतीय शहरों में यातायात की स्थिति सुधारने और समय की बचत के लिए यह एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। सरकार और प्राइवेट सेक्टर के सहयोग से इस विशाल परियोजना के पूरा होने पर देश को एक नया अनुभव मिलेगा।