दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बेड़ा बना दिल्ली
दिल्ली में बुधवार को 350 नई एसी इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर उतारी जाएंगी, जिनमें 300 क्लस्टर और 50 डीटीसी बसें शामिल हैं। सरकार ने 12 मीटर लंबी बसों को प्रति किलोमीटर 62.7 रुपये की दर पर भुगतान करने का ऐलान किया है। इससे क्लस्टर बेडो़ं में ऑरेंज फ्लोर नान एसी बसों की जगह इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी।
बसों की कमी से जूझ रहे लोगों को राहत
इस नए कदम से बसों की कमी से जूझ रहे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि अब ई-बस बेडे़ का रिकॉर्ड 1650 की संख्या तक पहुंच चुका है , जो दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा बेडा़ है।
राजधानी की सड़कों पर इलेक्ट्रिक बसें लाने की तैयारी
दिसंबर 2025 तक, दिल्ली सरकार ने क्लस्टर बेडों में 2,940 नई इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने के लिए आदेश दिए हैं। परिवहन मंत्री ने राजधानी की सड़कों पर इलेक्ट्रिक बसें लाने की तैयारी कर रही कंपनियों के अधिकारियों के साथ बैठक की और तेजी से ई-बसें लाने के निर्देश दिए हैं।
इलेक्ट्रिक बसों को बुराड़ी-2 और राहिणी-37 के डिपो में रखा गया
अभी क्लस्टर की इलेक्ट्रिक बसें बुराड़ी-2 और राहिणी-37 के डिपो में प्रतिष्ठित हैं, जिसमें से एक इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल रन भी चल रहा है। सरकार के बेड़े में वर्तमान में 7,232 बसें हैं, जिनमें 4,391 डीटीसी संचालित हैं और 2,841 क्लस्टर संचालित हैं। 2023 में सरकार की बसों में रोजाना औसतन 41 लाख लोगों ने यात्रा की।