15000 ऑटो शहर की सड़कों से गायब, राजधानी वासियों को मिली जाम से राहत

राजधानी रांची के नागरिकों को पिछले एक हफ्ते से भारी ट्रैफिक जाम से राहत मिली है। ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम ने कड़ी निगरानी के बाद सड़कों से बिना परमिट वाले ऑटो हटाने की शुरुआत की है। इससे शहर की सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम हुआ है और नागरिकों को सुगम आवागमन का अनुभव हो रहा है।

15,000 अवैध ऑटो सड़कों से हटे

रांची में लगभग 30,000 डीजल और पेट्रोल ऑटो सड़कों पर चलते हैं, जिनमें से लगभग 15,000 के पास परमिट नहीं था। ट्रैफिक पुलिस ने विभिन्न मार्गों पर चेकिंग अभियान चलाकर बिना परमिट वाले ऑटो को पकड़ा, जिससे उनके चालकों में हड़कंप मच गया है। अब इन चालकों ने शहर के अंदर अपने ऑटो चलाना बंद कर दिया है, जिससे सड़कों पर ट्रैफिक जाम से राहत मिली है। हालांकि, यात्री परिवहन के लिए ऑटो न मिलने के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

फुटपाथ दुकानदारों और अनियमित पार्किंग पर सख्ती

लालपुर, कोकर, मेन रोड, कचहरी, और रातू रोड जैसे क्षेत्रों में फुटपाथ दुकानदारों और सड़क किनारे वाहन पार्क करने वालों पर नगर निगम ने सख्ती दिखाई है। दुकानदारों को पीछे खिसकाया गया है और सड़क किनारे वाहनों पर फाइन लगाने की कार्रवाई की जा रही है। सड़कों में हर 30-35 मीटर के बाद कट होने की वजह से भी जाम लग रहा था, लेकिन इन कटों को बंद करके सुधार किया जा रहा है।

मॉर्निंग शिफ्ट से भी ट्रैफिक में कमी

भीषण गर्मी के चलते स्कूल-कॉलेज, कोर्ट और कई संस्थानों ने मॉर्निंग शिफ्ट कर दी है। इससे अधिकतर लोग दोपहर 12 बजे तक घर पहुंच जाते हैं और दोपहर में बाहर निकलने से बचते हैं, जिससे ट्रैफिक का दबाव कम हो रहा है।

स्थायी सुधार के लिए निरंतर कार्रवाई आवश्यक: प्रेम मित्तल

झारखंड यात्री संघ के अध्यक्ष प्रेम मित्तल ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस की कड़ी कार्रवाई से 15,000 अवैध ऑटो सड़कों से हट गए हैं, लेकिन अभी भी कुछ चालकों द्वारा छिपकर ऑटो चलाए जा रहे हैं। उन्होंने जोर दिया कि निरंतर कार्रवाई जारी रहनी चाहिए ताकि स्थिति में स्थायी सुधार हो। ऑटो चालकों की मनमानी पर रोक लगाने और रेट चार्ट लागू करने के लिए भी कार्रवाई आवश्यक है।