बिहार राज्य में पटना समेत सात जिलों में बालू की किल्लत कए कारण निर्माण कार्य बाधित हो गया है । जिस कारण 100 सीएफटी बालू की कीमत 12 हजार रुपये हो गयी है। इन दिक्कतो को देखते हुए फिलहाल एक जुलाई से 30 सितंबर तक बालू खनन बंद कर दिया गया है। बालू की भारी किल्लत की जानकारी मुख्य सचिव त्रिपुरारि शरण के साथ बीआइए के अध्यक्ष रामलाल खेतान के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल में गुरुवार को बातें भी साथ ही साथ बालू की किल्लत को दूर करने को सुनिश्चित किया गया। सूत्रों से हमे पता चला है की राज्य के 19 जिलों में 195 लाइसेंसधारी विक्रेताओं के पास करीब 15.64 करोड़ सीएफटी बालू उपलब्ध है। साथ ही साथ आठ जिलों में नदी घाटों के बंदोबस्तधारियों के द्वारा 30 जून तक बालू खनन किया गया। इनमें नवादा, बांका, अरवल, किशनगंज, बेतिया, वैशाली, मधेपुरा और बक्सर जिले शामिल हैं। दूसरी तरफ कुछ जिलों जैसे पटना, भोजपुर, सारण, रोहतास और औरंगाबाद जिलों में नदी घाटों के बंदोबस्तधारियों ने एक मई से खनन कार्य को रोक दिया है । वही अवैध बालू खनन, ढुलाई और बिक्री पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। पटना जिले के खान निरीक्षक को इस काम में लापरवाही बरतने के लिए निलंबित कर दिया गया। वही अच्छी व्यवस्था के लिए 16 खनन विकास पदाधिकारियों और 22 खान निरीक्षकों का तबादला भी कराया गया है। राजस्व में 50 फीसदी बढ़ोतरी का वहन करने से छह जिलों के बंदोबस्तधारियों ने बालू खनन के लिए मना कर दिया। मंत्री जनक राम जो की खान एवं भूतत्व मंत्री है उन्होंने तीन महीने के लिए बालू खनन को बन्द करवा दिया। इस दौरान करीब 15.65 करोड़ सीएफटी बालू का भंडारण किया गया। और प्रति महीने राज्य में औसत खपत करीब पांच करोड़ सीएफटी है। इसके साथ ही साथ अवैध रूप से जब्त किये गये बालू का टेंडर 28 जुलाई को होगा। इसके बाद यह बालू भी आम लोगों के लिए उपलब्ध करवाया जायेगा। इन सब को देखते हुए बिहार राज्य में पर्याप्त मात्रा में बालू उपलब्ध है।
News by Pragya Kumari